11वीं पुण्यतिथि पर याद किये गये कर्मयोगी चंद्रशेखर
नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की 11वीं पुण्यतिथि पर आज भारत यात्रा केन्द्र गुजरात के चिकदा गांव स्थित नालन्दा आश्रम शाला में प्रार्थना एवं भजन कीर्तन करके उन्हें याद किया गया। इस अवसर पर भूतपूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी व भारत यात्रा केंद्र के महासचिव के.मोहन आर्य ने चंद्रशेखर को दलितों-आदिवासियों का हितचिंतक करार दिया।
आर्य ने अपने संबोधन में कहा कि चंद्रशेखर जी दलितों व आदिवासियों के उत्थान को लेकर हमेशा चिंतित रहते थे। समाजवादी विचारों के कर्मयोगी चंद्रशेखर जी के ख्वाब को पूरा करने के लिए छोटू भाई अमर सिंह वसावा, विधायक झगड़िया व उनके ज्येष्ठ पुत्र महेश भाई छोटू भाई वसावा, विधायक डेडियापाड़ा गुजरात तन मन से प्रयासरत हैं।
के मोहन आर्य ने आगे कहा कि चंद्रशेखर जी की सोच थी कि दलितों व आदिवासियों को उनका वाजिब हक मिलना चाहिए। जब तक आदिवासियों को जल, जंगल व जमीन का अधिकार नहीं मिलता तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत विश्वगुरु तभी बन सकेगा जब वंचितों को उनका हक प्राप्त हो जाएगा। भारत यात्रा केंद्र के महासचिव आर्य ने राष्ट्रपुरुष विरसा मुंडा, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, कर्मयोगी चंद्रशेखऱ व आदिवासियों के मसीहा छोटूभाई अमर सिंह वसावा के सिद्धांतों और विचारों को जन जन तक पहुंचाने का आह्वान किया।
इसी मौके पर महेश भाई छोटू भाई वसावा ने पत्र लिखकर व दूरभाष के जरिए पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को याद करते हुए उन्हें महामानव बताया। उन्होंने भारत यात्रा केंद्र के कर्मचारियों को कहा कि चंद्रशेखर जी आजीवन दलितों, आदिवासियों व समाज के दबे कुचले लोगों की आवाज उठाते रहे। वे समाज के कमजोर तबके को समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहे। आज चंद्रशेखर जी भले ही सशरीर हमारे बीच मौजूद नहीं हैं लेकिन विचार हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे।
कार्यक्रम में मौजूद भारत यात्रा केंद्र के ट्रस्टी सागर के आर्य ने चंद्रशेखर जी की तस्वीर पर माल्यार्पण करने के बाद कहा कि हम और हमारी संस्था चंद्रशेखर जी के अधूरे सपने को पूरा करके ही दम लेंगे। उन्होंने कहा कि चंद्रशेखर जी के विचारों व सिद्धांतों को आत्मसात कर चुके आदरणीय दादा श्री छोटू भाई अमर सिंह वसावा और महेश भाई छोटू भाई वसावा के मार्गदर्शन में आदिवासी समाज के उत्थान के लिए हमेशा कार्य करते रहेंगे। चाहे जितना भी संघर्ष करना पड़े हम और हमारी संस्था पीछे नहीं हटेगी।